Hindi Poem on Secret of Life
जीवन का रहस्य
जीवन भी कितना अनोखा है
हर राह में जिसकी एक धोखा है
कभी ग़मों की बौछारें है
तो कभी खुशियों का एक झोंका है।
हर शाम भरी रंगों से
भला किसने यहाँ पायी है
बस कागज़ के चंद टुकड़ों पर
जिंदगी यहाँ बिताई है।
चाहा हुआ सब कुछ
कब किसको यहाँ मिलता है
बस कोडियों के दाम पर
कोहिनूर यहाँ बिकता है।
पर जीवन की एक सच्चाई है
हर शख्स ने यहाँ किस्मत पाई है
आशा का लगाकर बाग़ यहाँ
मेहनत से की जब सिंचाई है।
तूफ़ान भी आएंगे पर "ओ मेरे साथी"
दर धैर्य का कभी मत छोड़ देना
अपने भी ना दे जब साथ तेरा
मुँह मेहनत से कभी मत मोड़ लेना।
फिर से चमन में यहाँ बहार होगी
हर शाम खुशियों की कर्जदार होगी
शैलाब उमड़ेगा तेरी एक ही आवाज पर
तेरी हर चाहत पर जिंदगियां निसार होगी।
- महेश कुमार बैरवा
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