Tuesday, 13 January 2015

Hindi poem on Success


सफलता 


मस्तिष्क  के किसी कोने में एक प्रकाश सा छाया
कल जब डिक्टेशन में सक्सेस शब्द आया
क्यों चाहता है पाना हर कोई जिसे दिल से
क्या आपके भी दिल में कभी ये ख्याल आया।


सक्सेस यानि सफलता मतलब है जिसका
एक मुकाम को पाना हो लक्ष्य हो जिसका
 फिर एक नयी यात्रा उस मुकाम से आगे
ना मिले जब तक कोई गंत्वय उसका।  


कोई कहता है सफलता भगवान देता है
और कोई इसे इंसान की मेहनत कहता है
पर वास्तव में सच तो ये है मेरे दोस्त
इन दोनों को इसमें अपना महत्व होता है। 


आँखों में हो चाहत बुलंदियां छूने की
और दिल में आशा का शैलाब भरा हो
करे जो कठिनाइयों का मुकाबला डट के
और नस-नस में जिसकी फौलाद भरा हो। 


माता-पिता की की हो सेवा जिसने
और गुरु का जिसने सम्मान किया हो
वास्तव में सफलता है झोली में उसकी
जिसने उस प्रभु का गुणगान किया हो। 


फिर टूटा अचानक यह विचारों का चक्र
और ख्यालों का विमान धरातल पर आया
लिखने लगा आशुलिपि फिर जल्दी-जल्दी
पर देखा तो मैं आधा पैसेज ही छोड़ आया। 

- महेश कुमार बैरवा 



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